श्री बांके बिहारी मंदिर भेन्डौली बिहारी जी महाराज का प्राचीन मंदिर है।यह द्वापर युग से संबंध रखता है। इस स्थान पर पहले एक विशाल वन हुआ करता था, उस वन का नाम चौंढेरावत वन था । इस वन में स्वयं भगवान श्री कृष्ण अपने सखाओं के साथ गाय चराने आया करते थे।यह स्थान ब्रज चौरासी कोस की सीमा के नजदीक पड़ता है। यहां भगवान ने गाय चराते हुए अनेकों लीलाएं की व स्वयं अपने कर कमलों से एक सुंदर सरोवर का निर्माण किया। तभी से इस वन में अनेकों संतों ने तपस्या की है एवं अपने जीवन को सफल बनाया है। कालांतर में तोमर वंशी क्षत्रियों ने यहां अपना निवास बनाया, तब से यह गांव तोमर वंशी राजपूतों का गांव रहा है। इस गांव के मंदिर पर अनेक दिव्य संत महात्माओं ने तपस्या करके अपने जीवन को धन्य बनाया है एवं भगवान का साक्षात्कार किया है । यहां ठाकुर जी ने स्वयं एक बालक के रूप में या स्वयं बिहारी जी के रूप में भक्तों को दर्शन दिया था। इस मंदिर पर बिहारी दास बाबा, धर्मदास बाबा, बाबा कौशल दास आदि संतो ने तप करके स्वयं को भगवान में लीन किया है। वर्तमान में बजरंग दास महाराज इस मंदिर की देखरेख कर रहे हैं। यह मंदिर अत्यंत रमणीय व आध्यात्मिक शांति को प्रदान कराने वाला अनुपम तीर्थ स्थल है। इसकी शोभा अन्यत्र दुर्लभ है ।अतः आध्यात्मिक शांति एवं प्राकृतिक सौंदर्य का दर्शन करने के लिए यहां अवश्य आना चाहिए।