इस सरोवर का निर्माण स्वयं ठाकुर जी ने अपने कर कमलों से किया है। द्वापर युग में भगवान यहां गाय चराने आया करते थे , तब भगवान को प्यास लगी तो यहां पानी बहुत उथला था । भगवान ने अपने कर कमलों से यहां गड्ढा खोदा और इस सरोवर का निर्माण किया । तभी से यह सरोवर हर मनोकामना को पूरा करता है विशेषकर संतान संबंधी मनोकामना इस सरोवर के द्वारा पूरी होती है।